न्यूज़ डेस्क, बिदुपुर। स्थानीय चक सिकंदर स्थित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय वैशाली में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न किया गया। कार्यक्रम का आरंभ मुख्य अतिथि डॉ. कुमकुम त्रिपाठी, नैदानिक मनोवैज्ञानिक, हाजीपुर, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनंत कुमार तथा प्रोफेसर्स के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। मंच का संचालन बीटेक की छात्रा, ऋषिका के द्वारा किया गया।
प्राचार्य डॉ. कुमार ने स्वागत भाषण में बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला सशक्तिकरण की अभिव्यक्ति हेतु इस तरह का कार्यक्रम जागरूकता फैलाने के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाता है। आपने बताया कि आज के परिदृश्य में किसी भी तरह का लिंग-भेद वैश्विक स्तर पर प्रगति में नकारात्मकता का सूचक है। सम्बोधन में बताया की दुनिया का महिलाओं के बिना कल्पना करना भी मुश्किल है। आज के समय में महिलाएं देश और समाज, दोनों के निर्माण में बेहद अहम भूमिका निभा रही हैं।
अब पहले की तरह महिलाएं केवल घर की चारदीवारी के अंदर बंद नहीं हैं। आज घर से बाहर निकलकर अपने हुनर को लोगों के सामने पेश कर रही हैं, और समाज में सम्मान का स्थान प्राप्त कर रही है। महिलाओं का घर, परिवार, समाज, देश और दुनिया में अमूल्य योगदान के लिए प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह के द्वारा यथोचित सम्मान प्रदान किया जाता है। आज महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में, जैसे शिक्षा, अनुसंधान, खेलकूद, वैज्ञानिक-गतिविधि; ट्रेन से प्लेन तक, हर क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम पूरी दुनिया में लहरा रही है; जिसके लिए निश्चित रूप से वह सम्मान की हकदार हैं। मुख्य अतिथि, नैदानिक मनोवैज्ञानिक, डॉ. श्रीमती त्रिपाठी के द्वारा उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं शिक्षिकाओं तथा शिक्षकों को संबोधित करते हुए यह समझाने का प्रयास किया गया की आधुनिक समय में भी महिला सशक्तिकरण पर परिचर्चा करना मात्र इस बात का सूचक है कि समाज में अभी भी लिंग-भेद व्याप्त है।
लिंग के आधार पर भेद-भाव करना राष्ट्र ही नहीं अपितु वैश्विक स्तर पर समाज के पिछड़ेपन का सूचक है; जिसको हम जागरूकता के माध्यम से दूर कर, समाज में धनात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हुए, वैश्विक प्रगति के दरवाजे को पूरा खोलने में सफल होंगे। महिलाओं को संबोधित कर जागरूक करने का प्रयास किया। बताया कि आत्मविश्वास, कठिन-परिश्रम एवं आशावादी-दृष्टिकोण के माध्यम से समाज में प्रतिष्ठित एवं सुरक्षित स्थान जारी रखा जा सकता है।
अपने मन को इतना प्रबल बना लें की नकारात्मकता अस्तित्वहीन होकर आपके आशावादी मन की गुलाम बन जाए। स्वस्थ एवं प्रगतिशील मन के लिए आशावादी होना अत्यंत आवश्यक है। महाविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की प्रोफेसर, डॉ. शिवांगी सक्सेना बताती है कि इस अवसर पर प्राचार्य के निर्देश के अनुसार विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम, जैसे पेंटिंग कंपटीशन, पोस्टर मेकिंग कंपटीशन, डांस, ड्रामा, फन-एक्टिविटीज, म्यूजिकल-चेयर आदि का आयोजन महिला-सशक्तिकरण विषय पर आयोजित की गई।
सोलो डांस में ऋषिका रंजन, ड्रामा में निधि, नेहा रानी, मुस्कान, अंजलि, संध्या और कोमल; ग्रुप डांस में निशा, स्मिता, अनुष्का, सोनालिका एवं सोनम; एवं पोस्टर मेकिंग में छात्राओं ने भाग लियाI प्रतियोगिता में सफल प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि तथा प्राचार्य के द्वारा सर्टिफिकेट, मोमेंटो तथा धनराशि से पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रोफ. निवेदिता, प्रोफ. प्रियम, प्रोफ. निशा, प्रोफ. प्रिया, प्रोफ. श्वेता सुमन, प्रोफ. जैनब, महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, प्रोफ. आलोक कुमार, प्रोफ. मनोज कुमार साह आदि उपस्थित रहे।
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