न्यूज़ डेस्क, वैशाली। वैशाली जिला में राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोहपूर्वक जिला परिषद के सभागार में मनाया गया। इस समारोह का उद्घाटन जिला पदाधिकारी श्री यशपाल मीणा, पुलिस अधीक्षक श्री हर किशोर राय, डीडीसी श्री शम्स जावेद अंसारी और वरिष्ठ पत्रकार श्री सुरेंद्र मैनपुरी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर ” प्रेस के बदलते स्वरूप ” पर परिचर्चा हुई। इसमें जिला के सभी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडियाकर्मियों ने हिस्सा लिया।
मौके पर जिला पदाधिकारी श्री यशपाल मीणा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि किसी भी प्रोफेशन में अनुशासन और सत्यनिष्ठा (इंटीग्रिटी) बहुत जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि नब्बे के दशक में उदारीकरण, निजीकरण और भूमंडलीकरण के बाद मीडिया के स्वरूप में बदलाव आया। प्रेस के समक्ष कुछ चुनौतियां भी हैं। इसका सामना मीडिया को सूझ-बूझ और समन्वय के साथ करना है। प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बने रहने के लिए एक जिम्मेदार मीडिया का रोल अदा करना होगा।
पुलिस अधीक्षक श्री हर किशोर राय ने कहा कि पहले मीडिया एक मिशन के रूप में था। लेकिन अब सबसे पहले और सबसे तेज खबर देने या कई बार टीआरपी बढ़ाने के चक्कर में समाज की क्षति हो जाती है। पत्रकारों को इससे बचना चाहिए। सामाजिक सरोकार के नाते भी मीडिया को रिपोर्टिंग में संतुलन दिखाना चाहिए। दोनों पक्ष की तथ्यपरक बातें जांच के बाद रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया क्षेत्र में आ रहे नए युवाओं को खूब अध्ययन और मास कम्युनिकेशन का समुचित प्रशिक्षण भी लेना चाहिए। इससे रिपोर्टिंग की गुणवत्ता बढ़ेगी
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार और लेखक श्री सुरेंद्र मानपुरी ने अपने पांच दशक के पत्रकारिता के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में ही प्रेस की स्वतंत्रता निहित है। लेकिन हमारी स्वतंत्रता एक जवाबदेह स्वतंत्रता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाजारवाद से प्रेस में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। लेकिन प्रतिस्पर्धा से प्रगति होनी चाहिए। खबर लेखन और ब्रॉडकास्टिंग में संतुलन अति आवश्यक है। पत्रकार को पूर्वाग्रह से प्रेरित नहीं होना चाहिए। खबरों के प्रकाशन या प्रसारण के पहले सत्यापन जरूरी है। संवाददाता के व्यक्तित्व से ही खबरों की पहचान होती है।
इसके पहले विषय प्रवेश कराते हुए जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी श्री नीरज ने कहा कि प्रतिवर्ष 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाने का उद्देश्य यह है कि हम समाज के लिए एक स्वतंत्र एवं जिम्मेदार प्रेस के लिए लगातार प्रयासरत रहे। 16 नवंबर , 1966 से प्रेस काउंसिल आफ इंडिया काम करने लगा था। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म ,सोशल मीडिया आदि के आ जाने से प्रेस के स्वरूप में बदलाव आया है। अब खबरें पल भर में दुनिया में फैल जा रही है। इसलिए मीडिया की जिम्मेवारी और भी बढ़ जाती है। खबरों के चयन, लेखन और प्रसारण में पत्रकारिता के मानकों का ख्याल रखना जरूरी होता है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री सुरेंद्र मानपुरी को जिला पदाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक द्वारा सम्मानित किया गया।
श्री मानपुरी ने स्वयं द्वारा लिखित कुछ पुस्तकें जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भेंट स्वरूप प्रदान की। परिचर्चा के दौरान एक खुला सत्र भी चला। इसमें कई मीडिया कर्मियों ने अपने विचार और अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्रीमती राखी केसरी, अपर समाहर्ता (आपदा) श्री अरुण कुमार सिंह के साथ कई पदाधिकारी एवं जनसंपर्क कार्यालय के कर्मी मौजूद थे।
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