न्यूज़ डेस्क, वैशाली। बरैला झील के संरक्षण और विकास के लिए जिला पदाधिकारी श्री यशपाल मीणा के विशेष पहल पर झील की मापी और सीमांकन का कार्य कल से प्रारंभ हो गया है। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की संयुक्त टीम द्वारा मापी का कार्य कराया जा रहा है। 09 नवंबर से शुरू हुआ यह कार्य 20 नवंबर, 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। मापी कार्य को पूर्ण करने के लिए एसडीएम,महुआ को नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है।
इस कार्य में वन प्रमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, महुआ, अंचल अधिकारी, पातेपुर, राजस्व पदाधिकारी, पातेपुर के साथ पुलिस अधिकारियों एवं अंचल अमीन तथा राजस्व कर्मचारी आदि की प्रतिनियुक्ति की गई है। झील को 12 सेक्टरों में बांट कर मापी और सीमांकन का कार्य किया जा रहा है, ताकि झील की वास्तविक स्थिति का आकलन कर संरक्षण के लिए समुचित कदम उठाए जा सके। सीमांकन के बाद भूमि की घेराबंदी कराकर झील के डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू होगा।
बताया जाता है कि वैशाली जिला में पातेपुर और जंदाहा आंचल में अवस्थित बरेला झील एक महत्वपूर्ण झील है। यहां प्रवासी पक्षी आते हैं। प्रशासन का यह पहल और प्रयास बरेला झील की पर्यावरणीय महत्ता और जैव विविधता को संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही बरैला झील एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होगा।
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