मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटे किया गया है। इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई। वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना, वर्ष 2010 से लड़कों के लिए भी साइकिल योजना, बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली, स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की बहाली की जा रही है। नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। पहले काफी कम संख्या में लड़कियां पढ़ने जाती थीं। लड़कियों को जब साइकिल दी गई तो वे स्कूल समय पर जाने लगीं और साथ ही शाम में अपने माता-पिता को भी बाजार ले जाती हैं। यह दृश्य काफी अच्छा लगता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ मरीज इलाज कराने जाते थे। अब 1 माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। अब उनकी संख्या बढ़कर 11 हो गई है। सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली एवं नाली का निर्माण, हर घर शौचालय, हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, इसके तहत अब तक 4 चुनाव हो गए हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम किया है। वर्ष 2013 में पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है। वर्ष 2016 से हमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी। हमलोगों ने वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया। बिहार में अब स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़ 31 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों ने ही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और उसका नाम आजीविका दिया। हमलोगों के काम का असर पूरे देश पर पड़ता है। बिहार में अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया गया है, जिनमें अब तक 26 हजार जीविका दीदियां जुड़ी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 तक हमलोगों ने 8 लाख लोगों को सरकारी नौकरी प्रदान कर दी थी। उसके बाद हमलोगों ने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावे 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया है। वर्ष 2025 में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। हमलोगों ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। मदरसों को सरकारी मान्यता दी गई है। हमलोगों ने बिहार में जाति आधारित गणना कराई जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आज ही गोपालगंज जिले में विभिन्न विकास कार्यों का स्थल पर जाकर जायजा लिया। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी ली। लोगों की समस्याएं सुनीं। इस बैठक में भी जनप्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं बताई हैं, उसका समाधान किया जाएगा। गोपालगंज जिले के विकास के लिए सभी कार्य किए जा रहे हैं। अगर कहीं कोई और समस्या होती है तो जानकारी दें उसका समाधान किया जाएगा। हमने जिलाधिकारी को कहा है कि किसी भी समस्या का तत्काल समाधान करें। गड़बड़ करनेवाले लोगों पर नजर रखें। हम सबके हित के लिए काम करते हैं किसी की उपेक्षा नहीं करते हैं। केंद्र सरकार भी राज्य के विकास के लिए सहयोग कर रही है। विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई योजनाएं चलाकर बिहार को मदद कर रही है। हम लोगों के लिए शुरू से काम करते रहे हैं और करते रहेंगे। हमसब मिलकर बिहार के विकास के लिए काम करते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने नववर्ष के अवसर पर सबको अपनी शुभकामनाएं भी दी।
गोपालगंज जिले में लोगों की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणायें गन्ना किसानों की मांग है कि उन्हें गन्ने के अच्छे दाम दिये जायें। हमने निर्णय लिया है कि गन्ने के दाम में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की जायेगी। इसमें से 10 रु० प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की जा चुकी है। शेष 10 रु० प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी और की जायेगी जिसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
भ्रमण के दौरान उचकागांव प्रखंड के सलेमपट्टी गांव में लोगों ने आवागमन की समस्या के बारे में बताया। इसके निराकरण के लिए मीरगंज बाजार के बाईपास का निर्माण कराया जायेगा। इससे जिले के विजयीपुर, भोरे, कटेया, फुलवरिया एवं पंचदेवरी प्रखंडों के लगभग 10 लाख लोगों को जिला मुख्यालय आने-जाने में काफी सुविधा होगी। साथ ही मीरगंज बाजार में जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
भ्रमण के दौरान तुरकाहा गाँव में लोगों ने जाम की गंभीर समस्या बताई। इसके निराकरण के लिए एन०एच०- 27 से, ग्राम भोजपुरवा से तुरकाहा एन0एच0-531 तक गोपालगंज बाईपास का निर्माण कराया जायेगा। इसके निर्माण से गोपालगंज जिले का रिंग रोड पूरा हो जायेगा। किसानों द्वारा गन्ना ढुलाई के कारण उत्पन्न होनेवाली जाम की समस्या से निजात मिलेगी एवं अस्पताल आने-जाने वाले मरीजों को भी सुविधा होगी।
सारण तटबंध के बिन्दु 120 कि०मी० से 152 कि०मी० तक सुदृढ़ीकरण एवं पक्कीकरण किया जायेगा। इससे बाढ़ संबंधित सुरक्षात्मक कार्यों में सुविधा होगी। साथ ही लोगों को आवागमन में भी सुविधा होगी।
हाल में कटेया औद्योगिक क्षेत्र में मैंने मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट का शिलान्यास किया था जहाँ वाहनों के आवागमन की समस्या है। इसके निराकरण के लिए कटेया औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु चिन्हित स्थल को विजयीपुर देवरिया सड़क से जोड़ने हेतु बाईपास सड़क का निर्माण किया जायेगा। इससे बड़े वाहनों का परिचालन सुगम होगा एवं आमजनों को आवागमन में सुविधा होगी।
उचकागाँव प्रखंड के अंतर्गत नवादा परसौनी से डुमरिया गाँव के बीच दाहा नदी पर पुल का निर्माण किया जायेगा, इससे लोगों को पूरे वर्ष आने-जाने में सुविधा होगी।
माँ थावे मंदिर का विकास एवं सौंदर्गीकरण किया जायेगा। यह काफी पुराना प्रसिद्ध मंदिर है। इसके निर्माण से मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिलेगी एवं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
बाँकरपुर (सारण) से डुमरिया घाट (गोपालगंज) फोरलेन सड़क का निर्माण किया जायेगा। इससे लोगों को पटना जाने में काफी सुविधा होगी।
समीक्षा बैठक में गोपालगंज जिला के जिलाधिकारी प्रशांत कुमार सी०एच० ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न और हरित पौधा भेंटकर स्वागत किया।
गोपालगंज समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में आयोजित समीक्षात्मक बैठक में विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अन्य विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव जुड़े हुए थे।
समीक्षा बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री सह पथ मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री श्री सुनील कुमार, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री जनक राम, गन्ना उद्योग मंत्री सह गोपालगंज जिले के प्रभारी मंत्री श्री कृष्णनंदन पासवान, सांसद डॉ० आलोक कुमार सुमन, विधायक श्री अमरेंद्र कुमार पांडेय, विधायक श्रीमती कुसुम देवी, विधायक श्री रामप्रवेश राय, विधान पार्षद डॉ० विरेंद्र नारायण यादव, विधान पार्षद श्री राजीव कुमार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, विकास आयुक्त श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय श्री कुंदन कृष्णन, अपर पुलिस महानिदेशक, सुरक्षा श्री अमृत राज, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/ प्रधान सचिव/सचिव, गोपालगंज जिला के जिलाधिकारी प्रशांत कुमार सी०एच०, गोपालगंज जिला के पुलिस अधीक्षक श्री अवधेश दीक्षित सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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